अगस्त 21, 2016

एक युग का अंत

पत्रकारिता जगत के सशक्त हस्ताक्षर का निधन 
कई भाषाओं के जानकार देवाशीष ने आज ली अंतिम सांस 
कोसी इलाके में शोक की लहर

मुकेश कुमार सिंह की दो टूक---

पत्रकारिता जगत के सशक्त हस्ताक्षर,आकाशवाणी संवाददाता, सहारा समय टीवी में सेवा दे चुके,आईएफजे के राष्ट्रीय महासचिव,अधिवक्ता और कोशी टाईम्स के प्रधान सम्पादक डाॅ देबाशीष बोस अब हमारे बीच नहीं रहे ।वे कुछ महीनों से कैंसर रोग से जूझ रहे थे ।उनके निधन से पत्रकारिता जगत और समाज को निसंदेह अपूरणीय क्षति हुई है ।उनके निधन की खबर मिलते ही मधेपुरा स्थित उनके निजी आवास पर अंतिम दर्शन के लिये पत्रकार,पदाधिकारी, राजनेताओं और आमलोगो की भीड़ जमा होने लगी ।डा.बोस पत्रकारिता जगत के प्रखर,विराट और दमदार  शख्सियत थे ।
शोक की लहर
डा.देवाशीष बोस के निधन की खबर मिलते ही सहरसा,सुपौल.मधेपुरा सहित पुरे बिहार में शोक की लहर दौड़ गयी है ।मैं सहरसा का रहने वाला हूँ लेकिन दिवंगत बोस से हमारी कई मुलाक़ात बिहार से बाहर सेमीनार,या फिर कई अन्य मौकों पर हुयी है ।दिवंगत बोस ना केवल मिलनसार बल्कि जीवन की पेचीदगियों पर भी शालीनता से गंभीर राय रखने के महारथी थे । अंग्रेजी भाषा पर उनकी अच्छी पकड़ थी लेकिन उनके विराट व्यक्तित्व को जानिये,वे मुझसे कहते थे की मुकेश जी मैं आपकी खड़ी हिंदी का कायल हूँ और आपकी अंग्रेजी से बहुत कुछ सीखने को मिलता है । वे उम्र में मुझसे बड़े थे लेकिन बच्चों जैसी जिद और सीखने की ललक थी ।दम्भ और अंह से वे बिल्कुल परे थे । बेशक,उनके निधन से पत्रकार जगत ने एक सशक्त हस्ताक्षर को खो दिया है । जिसकी भरपाई आने वाले कुछ वर्षों तक कतई नहीं हो सकती है ।
तीन दशक से पत्रकारिता जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले  देवाशीष दा ने कई पत्र-पत्रिका और टीवी चैनल में अपनी सेवा दी ।बिहार के मधेपुरा के रहने वाले देवाशीष लंबे समय से बीमार चल रहे थे ।डा.बोस नयी पीढ़ी के पत्रकार,स्तंभकार, लेखक और कवियों के लिए प्रेरणा स्रोत थे और आगे भी रहेंगे ।उनका सपना था कोसी इलाके में कोई न्यूज चैनल अपना लाईव उपस्थिति दर्ज कराये ।लेकिन उनका सपना,उनके जीते जी पूरा नहीं हो सका ।हम दिवंगत आत्मा को वचन देते हैं की हम पूरी सिद्दत से सहरसा में किसी चैनल को लाएंगे और उमके सपना पूरा करेंगे ।वे यह भी चाहते थे की कोसी टाईम्स पूरे बिहार में आमलोगों तक फैले और मीडिया जगत को एक नयी ऊर्जा दे । उन्होंने जो जिम्मेवारी हमें सौंपी है और जो उनका सपना था,उसे पूरा करना हम लोगों की जिम्मेवारी बन गई है ।सहरसा के सुपर बाजार में दर्जनों की संख्यां में पत्रकारों ने दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा को सच्ची श्रध्दाजली अर्पित की ।

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।