जुलाई 05, 2016

डांसर बनने की चाह में छोड़ा पति का दामन...

शादी की सालगिरह के एक माह पूर्व बढ़ई मिस्त्री सुधीर के संग भाग गयी आरती... 
पत्नी की खोज में थाना का चक्कर लगा रहा है पति संजीत....
संजीत और सुधीर के घर में पसरा मातम....
मुकेश कुमार सिंह की कलम से दो टूक---- 
कहते हैं की ना केवल बड़े सपने देखने चाहिए बल्कि उस सपने को जमीन पर उतारने और उसे मुकम्मिल शक्ल देने की पुरजोर कोशिश भी की जानी चाहिए ।लेकिन सहरसा की आरती ने डांसर बनने की चाहत में एक पराये शादीशुदा मर्द का ना केवल हाथ थाम लिया बल्कि पति को छोड़कर उसके साथ वह फरार भी हो गयी ।यह वाकया प्रेम में अंधा होने का नहीं बल्कि अपनी इच्छा और सपने को पूरा करने के लिए किसी हद तक गिरने की है । सपने को हकीकत का शक्ल देने के लिए आरती ने सुधीर को सीढ़ी समझा और उसके साथ नौ दो ग्यारह हो गयी ।
इंटर कास्ट मैरेज कर घर बसाने वाली 19 साल की आरती अपने शादी की पहली सालगिरह मनाने के ठीक एक महीना पूर्व दो बच्चे के बाप सुधीर शर्मा के साथ भाग गयी । सुधीर बीते सोलह दिनों से आरती के घर बढ़ई मिस्त्री का काम कर रहा था ।आरती को बचपन से डांसर बनने का काफी शौक था और वह इसी झांसे में आकर सुधीर के साथ  27 जून की रात में फरार हो गयी ।आरती का अपने पति संजीत के साथ उसके हौसलों को उड़ान नहीं मिल रही थी । सारे जज्बात आरती के जेहन में हिलोरें मार रही थी ।सुधीर आरती घर बढ़ई मिस्त्री का काम कर रहा था । संजीत अक्सर घर से बाहर ही रहता था । 
आरती बेहद खूबसूरत थी ।काम के दौरान सुधीर की बातचीत आरती से हो रही थी ।आरती ने अपने मन की जिज्ञासा सुधीर के सामने खोलकर रख दी ।फिर क्या था,सुधीर को मानों मुंह मांगी मुरादें मिल गयीं ।सुधीर आरती पर फ़िदा था ।सुधीर ने उसे भोजपुरी सिनेमा से लेकर तरह-तरह के शब्जबाग़ दिखाए और उससे अपने कब्जे में ले लिया । 27 जून की वह काली रात ।आरती जेवरात और घर की नकदी वगैरह लेकर सुधीर के साथ निकल भागी ।
बताते चलें की आरती के पति संजीत साह ने आदर्श थाना में इस बाबत लिखित शिकायत दर्ज कराकर पुलिस से अपनी पत्नी को खोजवाने की गुहार भी लगायी है । घटना के कई दिन बाद भी पुलिस की तरफ से संजीत को आश्वासन के अलावे कुछ नहीं मिल सका है ।
संजीत की शादी 27 जुलाई 2015 को हुई थी ।बताया जाता है कि नंदलाली लक्ष्मिनियां का रहने वाला बढ़ई मिस्त्री सुधीर का डांस और भोजपुरी सिनेमा से काफी लगाव रहा है ।काम के सिलसिले में सहरसा स्टेशन स्टेशन स्थित अपनी मोबाइल की दुकान पर दिनभर और कभी--कभार रात गुजारने वाले संजीत की इसी गैरमौजूदगी का सुधीर ने पूरा फायदा उठाया ।सोलह दिनों के दरम्यान सुधीर ने आरती को डांसर से लेकर भोजपुरी फिल्मों तक के इतने दिवास्वप्न दिखा दिये कि वह 27 जून की रात में भारतीय नगर स्थित अपने पति के घर से भाग गयी ।घटना के दिन संजीत दूकान में ही सो गया था और घर में उसकी माँ एवं भाभी थी ।पत्नी के वियोग में संजीत बढ़ई मिस्त्री के घर पहुंचा तो वह वहाँ नहीं मिली । 
तीन दिन बाद जब सुधीर से संजीत का मोबाइल पर संपर्क हुआ तो उसने बताया कि आरती मुम्बई ले जाने की जिद कर रही है ।वह आरती को लेकर मुम्बई जा रहा है ।दूसरी तरफ सुधीर की पत्नी और बेटा--बेटी का रो-- रोकर बुरा हाल है ।सदर थानाध्यक्ष संजय सिंह अमूमन बड़े अपराध की घटना के बाद भी कोई ख़ास गंभीर नहीं दीखते ।इस मामले में कितना गंभीर है इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है की घटना के आठवें दिन बाद उनका कहना है की पत्नी भागने संबंधी आवेदन मिला है और इसकी पड़ताल की जा रही है । संजीत के मुताबिक उसकी पत्नी के माता पिता का देहांत पूर्व में ही हो चूका है ।एक भाई सोनू है जो दुकान पर काम करके तीन हजार पगार उठाता है ।इसी मज़बूरी और लड़की की खूबसूरती को देख दोस्तों की जिद पर इंटर कास्ट मैरेज कर एक मजबूर को उसने नयी जिंदगी दी थी लेकिन नतीजा सबके सामने है ।
कहते हैं की प्यार में कुछ भी जायज है ।लेकिन यह घटना अथाह प्यार से घटित हुयी प्रतीत नहीं हो रही है ।जीवन के हसीन सपनों को पर लगाने और उसे किसी तरह से पूरा करने के लिए यह घिनौना काम हुआ है ।वैसे एक विवाहिता घर से यूँ भागी है,समाज को इसका मलाल होना स्वाभाविक है ।आगे यह देखना जरुरी है की कब आरती की वापसी होती है और फिर क्या होता है संजीत और सुधीर के घरवालों का ।आखिर में हम इतना जरूर कहेंगे की मंजिल पाने के लिए इस तरह के रास्ते कभी सही नहीं हो सकते ।यह घटना दुखद और शर्मसार करने वाली है ।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।