अप्रैल 28, 2016

राजद नेता की ह्त्या .....

मुकेश कुमार सिंह की कलम से :- आज दिन--दहाड़े अपराधियों ने राजद के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार मुखिया की गोली मारकर ह्त्या कर दी । बाईक सवार चार अपराधियों ने राजद नेता को घर से बुलाकर बीच सड़क पर चार गोली मारी ।स्थानीय लोगों ने जख्मी मुखिया को ईलाज के लिए सदर अस्पताल लाया लेकिन उनकी मौत रास्ते में ही गयी । इस मामले में पुलिस के अधिकारी बहुत जल्द अपराधियों को गिरफ्त में लेने का दावा कर रहे हैं । मृतक नेता दो बार लगातार सत्तर कटैया प्रखंड के सिहौल पंचायत के मुखिया थे और इस बार भी मुखिया प्रत्यासी थे ।सत्तर कटैया प्रखंड में 22 मई को चुनाव होना है ।इस ह्त्या से पुरे इलाकें सनसनी और दहशत का माहौल है ।

राजद के वरिष्ठ नेता और सिहौल के निवर्तमान मुखिया सह वर्तमान मुखिया प्रत्यासी अनिल कुमार मुखिया को अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी ।घटना के बाबत मिली जानकारी के मुताबिक़ मृतक प्रत्यासी को अपराधियों ने पहले फोन कर के घर से सड़क की तरफ बुलाया और नजदीक से उन्हें गोली मार दी ।चार की संख्यां में बाईक से आये अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया है ।हांलांकि पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा कर जहां लाश को उनके परिजनों को सौंप दिया है,वहीं अपनी तफ्तीश तेज कर दी है ।अभी तक मृतक के परिजन की तरफ से कोई बयान नहीं आया है ।दिन--दहाड़े हुयी इस घटना से इलाके में ना केवल सनसनी फैली हुयी है बल्कि लोग काफी मर्माहत भी हैं । मृतक अनिल कुमार मुखिया इलाके में काफी लोकप्रिय थे ।अब पुलिस किस तरह से अपराधियों को दबोचने में कामयाब होती है,यह आगे देखना होगा लेकिन दिन--दहाड़े हुयी इस घटना से इतना तो साफ़ है की अपराधियों के ना केवल पौ बारह हैं बल्कि अपराधियों की इस इलाके में समानान्तर सरकार चल रही है ।बताना लाजिमी है की इसी माह 16 अप्रैल की रात में युवा राजद के जिलाध्यक्ष श्यामसुन्दर तांती की अपराधियों ने गोली मारकर ह्त्या कर दी थी ।हांलांकि उस मामले में पुलिस ने हत्यारे को दबोचने में कामयाबी जरूर पायी है ।इस घटना को लेकर मृतक के रिस्तेदार जहां जानकारी दे रहे हैं वहीं क्षेत्रीय राजद नेता इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं ।पुलिस के अधिकारी बहुत जल्द अपराधियों को दबोचने का दावा कर रहे हैं ।
एक महीने की भीतर राजद के दो कद्दावर नेताओं की हत्या से पुरे जिले में सनसनी है ।क्या राजनीतिक हत्याओं का यह सिलसिला तो नहीं ।सत्तासीनों से लेकर पुलिस के अधिकारी कुछ भी खोलकर नहीं बोल रहे हैं लेकिन इनदोनों हत्याओं ने कई सवाल एक साथ खड़े किये हैं जिसका वक्त रहते जबाब तलाशना बेहद जरुरी है 

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।