मार्च 25, 2015

अनाज की कालाबाजारी का खुलासा ...........



सहरसा टाईम्स की रिपोर्ट:-  बीती रात सदर थाना के झपरा टोला में गुप्त सूचना पर सहरसा पुलिस ने कालाबाजारी के सैकड़ों बोड़े गेंहूँ और चावल बरामद किये.पुलिस को यह सफलता उस समय मिली जब ट्रक से सरकारी अनाज उतारकर एक निजी गोदाम में रखे जा रहे थे.इस गोदाम में सरकारी अंजाज को दूसरे बोड़े में भरकर खुले बाजार में खपाया जा रहा था. गरीबों के मुंह के निवाले को छीनकर,उसकी कालाबाजारी करके वर्षों से धंधेबाज मालामाल होते रहे हैं.पुलिस के लिए यह बड़ी कामयाबी है लेकिन ऐसे कालाबाजारियों पर आजतक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुयी है.आगे देखना दिलचस्प होगा की इस कालाबाजारी के सरगना पर कोई बड़ी कार्रवाई होती है या फिर यह अधिकारियों के लिए सोने की मुर्गी साबित होता है.
सहरसा एसपी पंकज कुमार सिन्हा
ये हैं मोहम्मद कौसर.जनाब गोदाम के मालिक भर नहीं बल्कि इस कालाबाजारी के खेल के सरगना हैं.लेकिन इन्हें कुछ भी नहीं मालूम है की इनके गोदाम में सरकारी अनाज कैसे आया.आप इनके बयान को सुनकर समझ सकते हैं की खिलाड़ी पुराना और जमा हुआ है और यह बेईमानी के यह हर हुनर में सिद्धस्त भी है.यहां पर कालाबाजारी के अनाज को.सरकारी अनाज को यहां पर लाकर उसकी पहले रिपैकिंग की जाती ही फिर उसे खुले बाजार में खपाया जाता है.यहां पर चार सौ अस्सी बोड़े गेंहूँ और दो सौ उनचालीस बोड़े चावल के बरामद किये गए हैं. सदर एसडीपीओ प्रेम सागर के नेतृत्व में छापामारी की गयी है.चूँकि मामला बड़ा और कामयाबी वाला था इसलिए मौके पर पुलिस कप्तान पंकज कुमार सिन्हा भी आये हैं और इस मामले की खुद से तहकीकात कर रहे हैं.गोदाम मालिक मोहम्मद कौसर और नौ मजदूरों को यहां से गिरफ्तार किया गया है.देर रात तक छापामारी चलती रही. इस इलाके में गरीबों के मुंह के निवाले का सौदा होता है.गरीबों की बेबसी और लाचारी का सौदा होता है.गरीबों के लिए बहुतेरी योजनाएं सरकारी फाईल की बस शोभा बढ़ाते हैं और उनकी योजनाओं का लाभ बिचौलिए लेकर धन--कुबेर बन रहे हैं.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।