मुकेश कुमार सिंह की कलम से :-- अपराधियों पर नकेल कसने में फिसड्डी और अपनी बिगड़ैल कार्यशैली के लिए खासा बदनाम रही सहरसा पुलिस ने एक बार फिर से दरिंदगी भरा अपना काला चेहरा दिखाया है.ताजा मामला सोनवर्षा कचहरी थाना का है जहां बीती रात वाहन चैकिंग के नाम पर वसूली कर रही पुलिस को जब एक युवक ने नजराना नहीं दिया तो पुलिस वाले ने ना केवल उसकी बेरहमी से पिटाई की बल्कि उसका सर भी फोड़ डाला.पुलिसिया जुल्म का शिकार हुआ युवक फिलवक्त सदर अस्पताल में भर्ती है,जहां उसका इलाज किया जा रहा है.बेशर्मी की इंतहा तो यह भी है की इस जघन्य मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए पुलिस के अधिकारी किसी भी सूरत में हमारे कैमरे पर आने से परहेज कर रहे हैं.
सदर अस्पताल में बर्बर पुलिस की काली करतूत का यह जख्मी युवक जीता--जागता नमूना है. जिले के महपुरा गाँव का रहने वाला हेमंत नाम का यह युवक मुर्गी के दाना का कारोबारी है.बीती रात यह अपनी बीमार पत्नी की दवा के लिए मोटरसाईकिल से सोनवर्षा कचहरी के एक डॉक्टर के पास गया था.गाडी खड़ी करके यह डॉक्टर से मिलने गया और जब लौटा तो पुलिस के एक जवान ने उससे कहा की बड़े साहब उसे बुला रहे हैं.वह भागा--भागा साहब के पास पहुंचा.साहब ने उससे गाडी सहित उसके ड्राईविंग के कागजात मांगे. इसने सभी कागजात दिखाए लेकिन साहब को एक हजार रूपये बतौर नजराना चाहिए था.साहब ने अपने कनीय कर्मियों से कहा की गाडी को थाने में लगाओ.युवक ने काफी मिन्नत की उसे जाने दिया जाए क्योंकि उसकी बीमार पत्नी उसकी राह तकती होगी.लेकिन पत्थर बने पुलिस अधिकारी असलम खां ने पहले तो इस युवक पर टार्च से हमला किया और जब उससे बात नहीं बनी तो एक जवान की लाठी छीनकर इसकी भरपूर पिटाई की.इस पिटाई में युवक को जहां जिश्म पर कई जगहों पर गंभीर चोटें आई है वहीँ इसका सर भी फट गया है.हद की बात यह भी है की युवक के पास करीब अट्ठाईस हजार रूपये थे जिसे पुलिस वालों ने अपराधियों की तरह उससे छीन लिए हैं.पीड़ित सारी कहानी को अपनी जुबानी सूना रहा है.
मामला बड़ा और पुलिस को कटघरे में खड़ा करने वाला है.हमने इस बाबत जिले के आला पुलिस अधिकारियों से बात की लेकिन सभी ने हमारे कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार किया.वैसे हमें पता है की हर मामला की तरह इस मामले में भी उनका जबाब तकिया कलाम वाला ही होगा की "वे इस मामले की जांच करते या फिर करवाते हैं और जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रतर कार्रवाई होगी".लेकिन हमने भी हार नहीं मानी और सोनवर्षा कचहरी थानाध्यक्ष रुदल पासवान से घटना को लेकर जबाब--तलब कर ही लिया.रुदल जी का कहना था की इस घटना की जांच हो रही है.उन्होनें घटना से मुतल्लिक तमाम जानकारी बड़े अधिकारियों को दे दी है.आगे की कार्रवाई को लेकर अब बड़े अधिकारी ही कुछ बता सकेंगे.
सहरसा पुलिस विगत कुछ वर्षों से अपराधियों को पकड़ने में पूरी तरह से नाकाम रही है.वैसे में अब पुलिस वाले अपनी सारी खीज आम जनता पर ही निकालने लगी है.राज्य सरकार और राज्य मुख्यालय मैं बैठे पुलिस के आला जहां पुलिस और पब्लिक की मैत्री की बात कर रहे हैं वहीँ सहरसा पुलिस उनके अरमानों पर पलीता लगा रही है.
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