दिसंबर 01, 2014

साढ़े तीन घंटे का ग्रहण

आज सुबह करीब आठ बजे प्लेटफॉर्म संख्यां दो पर बड़ी लाईन की एक इंजन पटरी से उत्तर गयी.इंजन के पटरी पर से उतरने की वजह से करीब आधा दर्जन गाड़ियों का परिचालन साढ़े तीन घंटे तक ठप्प रहा.इस दौरान यात्रियों को काफी परेशानी हुयी और वे काफी हलकान रहे.रेल प्रशासन के लाख मशक्कत के बाद इंजन को फिर से पटरी पर चढ़ाया गया और रेल परिचालन को फिर से से शुरू किया जा सका.
मुफ्त का तेल लूटते रहे लोग 
--------------------------------------
आज अहले सुबह रलवे के तेल भण्डार का तेल भीतर बिछी पाईप के फट जाने की वजह से बाहर बहने लगा.तेल बहकर बगल के एक जल--जमाव वाले हिस्से में जाने लगा.आसपास के लोगों को जैसे ही इस बात की भनक लगी वे भीड़ की शक्ल में वहाँ पहुंचे और विभिन्य तरह के बर्तनों से तेल को वहाँ से उठाकर अपने-अपने घर ले जाने लगे.बाद में पता चला की सैंकड़ों लीटर डीजल  डीजल बहे थे जो आमलोग लूट कर ले गए.जाहिर तौर पर रेल प्रशासन को एक तो देरी से सूचना मिली दूजा फटे पाईप की खोज करने में उन्हें वक्त लगा.तक़रीबन चार घंटे तक इलाके के लोग इस दौरान मनमाफिक तरीके से तेल लूट कर ले गए.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


THANKS FOR YOURS COMMENTS.

*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।