रिपोर्ट सहरसा टाईम्स: आज बिजली के लिए जिला समाहरणालय के मुख्य द्वार से लेकर उसके परिसर में महिलाओं का घंटों संग्राम चलता रहा.जिले के मेनहा गाँव की महिलाओं का गुस्सा ना केवल सांतवें आसमान पर था बल्कि वह फुटकर समाहरणालय परिसर के चारों ओर पसरा हुआ भी था.आप यह जानकार हैरान हो जायेंगे की ट्रान्सफार्मर महीनों से जला हुआ है और बिना बिजली जलाए ही इनलोगों को बिजली का बिल मिल रहा है.हद बात तो यह है की बहुत ऐसे लोग भी हैं जिन्होनें पुलिस के डर से बिना बिजली जलाए ही बिजली बिल का भुगतान भी कर दिया है.
खासकर के
महादलित परिवार की महिलाओं के हाथ में आज कमान थी.महिलाओं ने जिला
समाहरणालय और डी.एम कार्यालय में घंटों बबाल काटने के दौरान मौके पर
मौजूद एक पुलिस जवान के साथ ना केवल धक्का--मुक्की की बल्कि जवान की रायफल
भी छीनने की कोशिश की.इनलोगों ने दोपहर बाद अपने कार्यालय पहुंचे डी.एम का
भी घेराव किया.
विशेष कवरेज के साथ मुकेश सिंह |
बिजली
को लेकर आये दिन सहरसा में बबाल होता है जिससे विधि--व्यवस्था पटरी से उतर
जाती है.लोग हो--हंगामे से लेकर सड़क जामकर यातायात को घंटों बाधित भी कर
देते हैं.लेकिन हद की इन्तहा देखिये की लापरवाह और बेशर्म बिजली विभाग की
कारगुजारियों पर जिला प्रशासन भी कहीं से गंभीर नहीं दिख रहा है.आखिर में
हम इतना जरुर कहेंगे की इस जिले के आलाधिकारियों को बड़ी घटना--दुर्घटना से
पहले जागने की आदत नहीं है.उनके लिए ऐसे मंजर महज एक आम बात भर है.
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