सितंबर 27, 2013

सीपीआई का हल्ला बोल

सहरसा टाईम्स:  भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में विभिन्य जनसमस्याओं को लेकर जिला समाहरणालय पर विशाल प्रदर्शन किया गया. सहरसा रेलवे स्टेशन से हजारों की तायदाद में निकला गरीब--गुरबों का यह कारवां शहर के मुख्य मार्गों से होता हुआ जिला समाहरणालय पहुंचा जहां पहले तो ये आंदोलित कार्यकर्ता समाहरणालय के मुख्य द्वार को तोड़ते हुए अन्दर प्रवेश किये फिर जिलाधिकारी के कक्ष के सामने जमकर हंगामा और नारेबाजी की.जिलाधिकारी के कक्ष के बाहर इनलोगों ने जमकर बबाल काटे फिर धरने पर बैठ गए.इनलोगों को शासन--प्रशासन के काफी शिकायतें हैं.सहरसा में ओवरब्रिज के निर्माण,जिले में जर्जर सड़कें,जल--निकासी की समस्या,भूमिहीनों को पर्चा और जमीन पर स्वामित्व,बिजली की नियमित आपूर्ति और गलत बिजली बिल में सुधार,विभिन्य योजनाओं में मची लूट पर लगाम सहित चौबीस सूत्री मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी यह अल्टीमेटम के साथ सौंपा गया की जल्द इन मांगों पर उचित कारवाई नहीं हुयी तो समाहरणालय को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा. बाद में समाहरणालय के बाहर ये सभी कार्यकर्ता धरने की शक्ल में बैठ गए जहां वक्ताओं ने भाषण दिए.
इस हंगामे और हुजूम का जिला प्रशासन पर क्या असर होगा यह तो आगे देखा जाएगा लेकिन अभी इतनी बड़ी संख्यां में लोगों ने आकर यह जरुर जता दिया है की जनता सुकून से नहीं है और आगे वह शासन---प्रशासन की चूलें हिला कर रख सकती है.

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।