जून 26, 2013

जल--त्रासदी के घायलों के लिए कर रहे रक्त दान


फ्रेंड्स ऑफ आनंद यूथ फ्रंट के बैनर तले तीन सौ से पांच सौ के बीच युवाओं ने किया रक्तदान 
लवली आनंद के पुत्र चेतन आनंद
फ्रेंड्स ऑफ आनंद यूथ फ्रंट के बैनर तले आज तीन सौ से पांच सौ के बीच युवाओं ने सदर अस्पताल के रक्त अधिकोष में रक्तदान किया।पूर्व सांसद आनंद मोहन और पूर्व सांसद लवली आनंद के पुत्र चेतन आनंद के नेतृत्व में उतराखंड के केदारनाथ और उसके आसपास के इलाके में हुयी भीषण जल--त्रासदी के घायलों के लिए युवाओं ने संगठित होकर रक्त दान किया।जिला प्रशासन के सहयोग से इस जमा रक्त को उतराखंड भेजा जाएगा जिससे जिन्दगी से जंग लड़ रहे तीर्थयात्रियों के प्राण बचाने में कुछ मदद हो सके।जाहिर तौर पर यह पहल देश--प्रेम और मानवता के जज्बे की एक बानगी है।
फ्रेंड्स ऑफ आनंद यूथ फ्रंट के बैनर तले और पूर्व सांसद आनंद मोहन और पूर्व सांसद लवली आनंद के पुत्र चेतन आनंद के नेतृत्व में आज यहाँ पर रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया है। कल दिन के ग्यारह बजे से रक्तदान का सिलसिला शुरू हुआ जो शामतक तक बदस्तूर जारी रहा।देखिये यहाँ पर युवाओं का जत्था किसकदर जमा हुआ है।हद बात तो यह है की इन युवाओं के साथ कुछ महिलायें और कुछ बुजुर्ग भी आ मिले हैं।युवाओं का जोश यहाँ पर देखते ही बन रहा है।इस मौके पर चेतन आनंद ने कहा की उतराखंड के केदारनाथ और उसके आसपास के इलाके में हुयी भीषण जल--त्रासदी के घायलों के लिए युवाओं ने संगठित होकर रक्त दान किया है जिसे जिला प्रशासन के सहयोग से उतराखंड भेजा जाएगा जिससे जिन्दगी से जंग लड़ रहे तीर्थयात्रियों के प्राण बचाने में कुछ मदद हो सके। आगे वे युवाओं के सहयोग से धन भी इकट्ठा करेंगे जिसे मदद के तौर पर उतराखंड भेजा जाएगा।रक्त अधिकोष के टेक्नीशियन आतिश श्री ज्ञान का कहना है की उतराखंड के केदारनाथ और उसके आसपास के इलाके में हुयी भीषण जल--त्रासदी के घायलों की मदद लिए जत्थे में युवा यहाँ पर रक्तदान करने पहुंचे हैं।यहाँ पर रक्त का संग्रहण करके वे जिला के बड़े अधिकारियों से आग्रह करेंगे की जमा रक्त को उतराखंड भेजने का वे इंतजाम करें।
वाकई यह पहल काबिले तारीफ़ है।देश में आई किसी भी आपदा के समय हमें एकजुट होकर उससे मुकाबला करना चाहिए।युवाओं का यह सद्प्रयास देश की एकजुटता को दर्शाता है।रब उतराखंड में फंसे लोगों की जिदगी सलामत रखे।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।