अप्रैल 30, 2013

MLT कॉलेज में हंगामा

सहरसा टाइम्स: आज एक बार फिर छात्रों का गुस्सा फूटा।NSUI के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय MLT कॉलेज में ना केवल घंटों हंगामा और प्रदर्शन किया बल्कि कॉलेज में तालाबंदी कर कॉलेज कर्मी और कॉलेज के प्रिंसीपल को घंटों बंधक भी बनाए रखा। आंदोलित छात्र प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे थे  और बगल में पुलिसवाले खड़े होकर महज इस तमाशे को देख भर रहे थे ।इसी दौरान छात्रों ने कॉलेज के प्राचार्य को भी बंधक बना लिया।तीन घंटे से ज्यादा प्राचार्य इन छात्रों के बीच बंधक बने रहे जिस दौरान उन्होनें इन छात्रों से ढेरों मान--मनौव्वल किये और समस्या के त्वरित समाधान के आश्वासन भी दिए।ये छात्र इंटरमिडीएट साइंस में 128 नयी सीट बढाने को लेकर आंदोलित थे।
इनकी मानें तो यह काम कम से कम सात माह पूर्व ही हो जाना चाहिए लेकिन कॉलेज प्रिंसीपल की मनमानी की वजह से आजतक ये काम अधर में लटका रहा।बंधक बने कॉलेज कर्मी सच्चाई बयान करते हुए खुद के बंधक बनाए जाने और काम--काज के ठप्प होने की बात कर रहे हैं।जहां तक कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव रंजन सिन्हा का सवाल है तो उनका भी कहना है की छात्रों ने सीट बढाए जाने को लेकर उन्हें बंधक बनाया है।वे फिलवक्त विवश हैं लेकिन विश्वविद्यालय के अधिकारियों से वार्ता कर शीघ्रता से इस समस्या का वे समाधान करवा लेंगे।
सहरसा का सबसे पुराना

और गौरवशाली कॉलेज  इनदिनों राजनीति का अखाड़ा बन गया है जिसका खामियाजा छात्र और छात्राएं भुगत रहे हैं।जो काम महीनों पूर्व आसानी से कर लिए जाने चाहिए उसे उलझा कर रखा जा रहा है।कॉलेज प्रशासन को छात्र--छात्राओं के हित से इतर कुछ भी नहीं करना चाहिए लेकिन यहाँ हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर काम करने की रिवायत है।

1 टिप्पणी:

  1. jahan bihar me shiksha k liye naye naye yojnaye banaye ja rahe hain wahi rajya k saharsa zila k sabse behtareen college k ye haal hai... shiksha me is tarah ki rajniti nahi honi chahiye kyun k isme peechhe rahne ka matlab hai har cheez me peechhe ho jana. main chahunga k iska samadhaan jald se jald nikaala jaye aur achhi se achhi suwidha di jaye jisse chhatra shiksha ki taraf aakarshit hon na k wo bhi na diya jaye jo unhen milna chahiye....

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।