अनशन स्थल पर पहुंचे डी.एम |
आजादी
के बाद से गरीब---मजलूमों और दलित---महादलितों के नाम पर न केवल
जमकर सियासत हुयी है बल्कि इनके नाम पर थोक में लोग बड़े कुर्सीदार और धनवान
भी हुए हैं।ये असहाय लोग तो आजतक बस निरीह और दया के पात्र ही बने
रहे।सत्तर कटैया प्रखंड के बिहरा गाँव के करीब सवा सौ महादलित परिवार के
लोगों का दबंगों ने घर से निकलने का रास्ता बंद कर दिया।पीड़ितों ने सभी
अधिकारीयों के दर पर माथा टेका लेकिन किसी ने इनकी फ़रियाद नहीं सुनी।रास्ते
के लिए त्राहिमाम कर रहे ये महादलित कोई इन्साफ की पहल होती नहीं देख बीते
3 अप्रैल से सत्तर कटैया प्रखंड कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठ
गए।कुल अठारह लोग भूख हड़ताल पर बैठे जिसमें एक बच्ची और चार महिलायें भी
शामिल थी।सहरसा टाईम्स ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया और अनशन स्थल पर
पहुंचा।इधर हम अनशनकारियों से बात कर रहे थे की उधर स्थानीय लोगों ने
प्रखंड कार्यालय में ना केवल ताला जड़ दिया बल्कि सी.ओ सहित कई कर्मचारियों
को बंधक भी बना लिया। सी.ओ ने खुद फोन से डी.एम को अपने बाधक बनाए जाने की
जानकारी दी।जिले के कई अधिकारी एक के बाद एक करके पहुँचते रहे लेकिन बंधकों
को लोगों की चंगुल से आजाद नहीं कराया जा सका। सहरसा टाईम्स की पहल के बाद
डी.एम अनशन स्थल पर पहुंचे। डी.एम के आने के बाद एक तरफ जहां बंधक बने अधिकारी
आजाद हुए वहीँ डी.एम ने अनशनकारियों को तत्काल घर से निकलने के रास्ते का
इंतजाम और पंद्रह दिनों के भीतर स्थायी रास्ता दिलाने का भरोसा देकर
अनशनकारियों का अनशन खत्म कराया।
अगर वायदे के
मुताबिक़ पंद्रह दिनों के भीतर स्थायी रास्ता दिलाने में जिला प्रशासन
कामयाब नहीं हुआ तो जिला प्रशासन की बड़ी फजीहत होगी जो किसी की मध्यस्थता
से आगे टालना नामुमकिन होगा।एक बार फिर से सहरसा टाईम्स ने ना केवल अपने
सामाजिक दायित्व का निर्वहन किया है बल्कि मजलूमों के हक़ के लिए पुरजोर
आवाज भी बुलंद की है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
THANKS FOR YOURS COMMENTS.