अगस्त 26, 2012

रमेश झा महिला कॉलेज के लड़कियों की जान जोखिम में

                                                             COLLEGE CAMPUS


रिपोर्ट चन्दन सिंह:- कोसी प्रमंडल के एकलौते अंगीभूत रमेश झा महिला कॉलेज में इनदिनों लड़कियों की जान से खेलने की तैयारी चल रही है.इतने बड़े कॉलेज में जहां साढ़े चार से पाँच हजार लड़कियाँ पढ़ रही है वहाँ बिजली के खम्भे की जगह पेड़ प़र नंगे बिजली तार को बांधकर बिजली की सप्लाई की जा रही है.बारिश का मौसम है और यह बड़ी लापरवाही किसी बड़ी घटना का गवाह बनने के लिए मुकम्मल तैयार दिख रही है.कॉलेज में एक अदद बिजली का खम्भा भी है लेकिन वह बिजली के तार उसपर बांधे जाएँ इसके लिए वह तरस रहा है.कॉलेज आ रही लड़कियाँ पेड़ प़र रेंगते बिजली के इस करेंट से डरी--सहमी हैं लेकिन भविष्य के सपनों को साकार करने की चाहत में ये अपनी जान को जोखिम में झोंके रहने के लिए विवश हैं.
श्यामा रॉय,प्राचार्या,रमेश झा महिला कॉलेज,सहरसा
कॉलेज की प्राचार्या श्यामा रॉय भी मानती है की पेड़ प़र तार को बांधकर बिजली दौडाना बड़े खतरे की घंटी बजा रहा है लेकिन वे बिजली विभाग से गुहार लगाते--लगाते थक गयी हैं.इनकी नजर में बिजली विभाग किसी बड़ी घटना का इन्तजार कर रहा है.   इस केम्पस में कई ऐसे वृक्ष है जिसपर बिजली के नंगे तारों को बांधकर बिजली सप्लाई की जा रही है.हद की इंतहा है यह.कॉलेज आ रही लडकियां इससे डरी--सहमी हैं और इस जानलेवा खेल के लिए कॉलेज प्रशासन को जिम्मेवार ठहरा रही है तो दूसरी तरफ लड़कियों के परिजन भी इस तस्वीर को देखकर काफी चिंतित हैं. एक बड़ी लापरवाही की वजह से थोक में लडकियां मौत के मुहाने पर खड़ी है.आजतक बड़ा हादसा सिर्फ ऊपरवाले के रहम से नहीं हुआ है.इस कॉलेज में लड़कियों की जान से खेलने की पूरी तैयारी है.अगर बड़ा हादसा हुआ तो इसकी जबाबदेही कौन लेगा.सोये तंत्र को आखिर घटना से पहले जागने की आदत क्यों नहीं है.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।