मार्च 17, 2012

शिक्षा कर्मचारियों का दो दिवसीय धरना

जिले के शिक्षा विभाग के करीब पचास कर्मी दो दिवसीय धरने
पिछले दस महीनों से वेतन नहीं मिलने से भुखमरी के कगार प़र पहुँचे जिले के शिक्षा विभाग के करीब पचास कर्मी आज जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के सामने दो दिवसीय धरने प़र बैठे.धरनार्थियों ने धरने के दौरान सूबे के मुखिया नीतीश कुमार,शिक्षा मंत्री पी.के.शाही और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा की उनलोगों ने सरकार और राज्य मुख्यालय में बैठे विभागीय बड़े अधिकारी के खिलाफ दो दिवसीय धरने के माध्यम से सिर्फ विगुल फूंका है.अभी तो ये ट्रेलर है जिसमे जिला मुख्यालय स्थित शिक्षा विभाग के तीन दफ्तरों के कामकाज को दो दिनों तक के लिए ठप्प किया गया है.अगर उनके वेतन का इस माह और जल्द भुगतान नहीं हुआ तो वे जिले के तमाम शिक्षा विभाग के दफ्तरों में ताले जड़ देंगे और सभी शिक्षण संस्थानों को भी बंद करा देंगे.भुखमरी में आज आलम यह है की एक तरफ जहां दुकानदार उन्हें कोई सामान उधार नहीं देना चाहता तो वहीँ दूसरी तरफ उनके बच्चों की शिक्षा बाधित है और उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएँ दे पाना भी उनके बस में नहीं रहा है.अपना हक़ अब वे लड़कर लेंगे.सरकार खबरदार हो जाओ.
बिना वेतन के दस महीने तक काम करना एक साहसिक कार्य संस्कृति है.आवंटन की विसंगति की वजह से इतने लम्बे समय तक कर्मियों के वेतन को रोके रखना कहीं से भी जायज नहीं है.सरकार के विभागीय मंत्री को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए इन कर्मियों के वेतन का भुगतान करवाना चाहिए.अगर सरकार इस मामले का त्वरित समाधान नहीं करती है तो स्थिति विकट होगी जिसे संभाल पाना फिर आसान नहीं होगा.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।