जनवरी 27, 2017

मानवता, इंसानियत और रिश्तों की एक साथ उड़ी धज्जियां ......


एक शख्स ने अपनी जीवनसंगनी....
बेटा और बेटी को जिंदा जलाकर दफनाया.... 
आरोपी शख्स फरार,जांच में जुटी पुलिस ......
सहरसा(बिहार) से मुकेश कुमार सिंह की खास रिपोर्ट---  
आज रिश्तों को घुन्न लग गए हैं । इंसानियत और मानवता कहीं गुम सी हो गयी है ।आदमी,आदमी नहीं,हैवान और शैतान बन गया है ।सहरसा के सलखुआ थाना के पुरैनी गाँव में घटी घटना ने ना केवल रिश्तों का सर कलम किया है बल्कि बर्बरता और क्रूरता की नयी कहानी लिख दी है । डोमी ठाकुर नाम के एक शख्स ने अपनी पत्नी मीणा देवी,6 वर्षीय पुत्र सत्यम एवं 8 वर्षीय पुत्री सोनम कुमारी को पहले तो बेदर्दी से जिंदा जलाकर मार डाला फिर लाश को मवेशी के चारे रखने वाले घर में दफना दिया ।उसने इस घटना को इस बारीकी से बीती रात अंजाम दिया की इसकी तनिक भी भनक किसी को नहीं लगी ।आज सुबह जब पड़ोसियों ने मीणा देवी और बच्चों को नहीं देखा,तो,सभी के कान खड़े हो गए ।लोग समझ गए की डोमी ने तीनों की हत्या कर लाश को कहीं छुपा दिया है ।ग्रामीणों ने पुलिस को इस जघन्य घटना की फौरन सूचना दी । 
मौके पर आनन्--फानन में पुलिस के अधिकारी और जवान पहुंचे और उन्होनें छुपाए गए शव को मवेशी के चारे रखने वाले घर की जमीन खोदकर खोज निकाला ।जमीन के भीतर गाड़ी गयी अधजली लाश को देखकर सभी के रोंगटे खड़े हो गए । घटना के बाबत मिली जानकारी के अनुसार डोमी ठाकुर को शक था की उसकी पत्नी मीणा देवी का अवैद्य सम्बन्ध गाँव के ही रोहित ठाकुर से था और दोनों बच्चे उसके नहीं बल्कि उनदोनो के अवैद्य सम्बन्ध की निशानी थी ।अवैद्य सम्बन्ध को लेकर बराबर घर में पति--पत्नी के बीच मारपीट होती थी ।अक्सर पड़ोसियों के बीच---बचाव से मामले को शांत कर लिया जाता था ।लेकिन इसबार डोमी के धैर्य ने जबाब दे दिया और वह इंसान से शैतान बन गया और तीनों को जिंदा जलाकर पहले तो मार डाला फिर लाश को भी करीने से ठिकाने लगा दिया ।इस घटना से पुरे इलाके में सनसनी है । ग्रामीण गमजदा और भौचक हैं की ऐसी वीभत्स घटना भी घट सकती है क्या ?क्या एक पति और एक पिता इस तरह की रूह को कंपकंपाने वाली घटना को अंजाम दे सकता है ?ग्रामीण की आँखों में कई सवाल तैर रहे हैं ।
इस घटना के बाबत एसडीपीओ अजय नारायण ने बताया की अब तक की जानकारी के मुताबिक अवैद्य संबंध होने के शक के कारण मीणा देवी और बच्चों की हत्या डोमी ठाकुर ने जलाकर कर दी है ।हांलांकि अपने पुत्र-पुत्री और पत्नी की हत्या कर वह फरार हो गया है लेकिन जल्दी ही उसकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी । इस जघन्य घटना ने मानवीय संवेदना की तेजी से हुयी गिरावट की नयी पटकथा लिख दी है ।आधुनिक समय में ऐसी बर्बर घटना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है ।क्या रिश्ते की गर्माहट अब नहीं रही ?क्या इंसान कभी भी शैतान की शक्ल अख्तियार कर सकता है ?क्या शक और शंका में अपनों की ईहलीला खत्म कर दी जायेगी ?क्या इंसान प्रेम,त्याग,विश्वास,समर्पण,भरोसा और बलिदान की परिभाषा भूल चुका है ?क्या इंसान और जानवर के बीच का अंतर खत्म हो गया है ?डोमी ठाकुर ने जो काम किया है,उसे किसी भी सूरत में माफ करना मुनासिब नहीं है लेकिन बड़ा सवाल यह है की मीणा और दोनों बच्चे अब कभी जिंदा होकर हमारे सामने नहीं आएंगे ।यह घटना क्रूरतम,बर्बर और आदिम युग की यादें ताजा कर रही है ।

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।