सरोज झा के पिता मदन मोहन झा से सहरसा टाईम्स ने खास बातचीत की
* सरोज झा बने विश्व बैंक के सीनियर निदेशक, दुनिया में फिर बजा बिहार का डंका ...
* सहरसा के बनगाँव के रहने वाले हैं सरोज झा...
* पहले इंजीनियरिंग की डिग्री कानपुर से ली, फिर 1990 में किया आई.ए.एस. ....
* उड़ीसा सहित कई केंद्रीय सेवा में रहे सरोज....
* 2005 में वर्ल्ड बैंक में नौकरी किया ज्वाईन....
मुकेश कुमार सिंह की कलम से----बिहार की मिट्टी ने अपनी प्रतिभा का लोहा दुनिया भर में पूर्व से ही मनवाया है। इसी कड़ी में अब सहरसा के सरोज झा का नाम भी जुड़ गया है, जिन्होंने विश्व बैंक के सीनियर निदेशक का पद हासिल कर प्रदेश सहित पूरे देश का नाम रौशन किया है।
सहरसा जिले के बनगांव निवासी सेवानिवृत्त बीडीओ मदन मोहन झा व कुंता देवी के पुत्र सरोज कुमार झा इंजीनियर होने के साथ--साथ 1990 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने कानपुर आई.आई.टी. से सिविल इंजीनियरिंग व डवलपमेंट इकॉनोमिक्स की डिग्री हासिल की है। सरोज झा आई.ए.एस. अधिकारी बनने के बाद उड़ीसा कैडर में विभिन्न पदों पर काबिज रहे। भारत सरकार के गृह मंत्रालय में आपदा विशेषज्ञ के पद को भी उन्होंने सुशोभित किया।
2005 में बर्ल्ड बैंक की सेवा में आने के बाद अगले तीन वर्षों तक सरोज कुमार झा विश्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक मध्य एशिया के रूप में कजाकिस्तान के अल्माटी में पदस्थापित थे। फिर उन्हें वाशिंगटन स्थित वर्ल्ड बैंक के हेड ऑफिस बुला लिया गया ।
अब एक फरवरी को विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम यंग किम ने उन्हें कमजोरी, टकराव व हिंसा की चुनौती से निपटने के लिए अग्रणी नेतृत्व की भूमिका निभाने का काम सौंपा है। सरोज कुमार झा को विश्व बैंक का सीनियर निदेशक नियुक्त किया गया है ।सरोज कुमार झा की स्कूली शिक्षा बनगांव एलीमेंट्री स्कूल में हुई जबकि मिडिल बेगूसराय और हाई स्कूल तक की शिक्षा पथरगामा (अभी झारखंड) में हुई। संत जेवियर्स रांची से उन्होंने इंटर किया और फिर आई.आई.टी. में उनका सेलेक्शन हो गया ।
सरोज झा ने विश्व बैंक में अपने कैरियर की शुरुआत वर्ष 2005 में की थी। उस समय वे वरिष्ठ ढांचागत विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किए गए थे। इससे पूर्व वे यूनाइटेड नेशन के डवलपमेंट प्रोग्राम के लिए सीनियर एग्जीक्यूटिव के रूप में भी काम कर चुके हैं।
उड़ीसा कैडर के आईएएस सरोज झा उड़ीसा के फुलवामी और सोनपुर के कलक्टर भी रह चुके हैं। सरोज अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ अभी वाशिंगटन में हैं। सरोज कुमार झा की इस उपलब्धि पर उनके मुहल्ले और गांव के लोगों में जबरदस्त उत्साह है। अपने घर और यहां की माटी से सरोज का गहरा लगाव है। यही वजह है कि वे हर दो-तीन माह पर एक बार जरूर सहरसा आते हैं ।
सहरसा जिला मुख्यालय के प्रतापनगर मोहल्ले में सरोज झा का आवास हैं, जहां उनके बुजुर्ग पिता सेवानिवृत बीडीओ मदन मोहन झा और उनकी माँ कुंता देवी रहती हैं। फिलवक्त सरोज झा की माँ अपने बेटे सरोज के पास है ।
घर पर मौजूद सरोज झा के पिता मदन मोहन झा से सहरसा टाईम्स ने खास बातचीत की । बातचीत में एक पिता अपने लायक बेटे के वजूद पर कितना गर्व करता है,उसकी इंतहा हमें यहां देखने को मिली ।
बेहद खुश पिता ने कहा की सरोज शुरू से ही प्रतिभा संपन्न थे और देश के लिए कुछ ख़ास करना चाहते थे । उनकी जिद की वजह से ही सरोज ने आईएएस परीक्षा पास की ।उन्हें अपने बेटे पर ना केवल गर्व है बल्कि वे भग्यशाली हैं की सरोज उनका बेटा है ।
सरोज झा के बारे में जानकारी देते हुए वे युवाओं को सन्देश दे रहे हैं की ईमानदारी और सच्ची लगन से सब कुछ हासिल किया जा सकता है ।
सच में हौसला हो, जुनूँ हो और कुछ कर गुजरने की चट्टानी तमन्ना हो तो पहाड़ खोदकर भी दूध की दरिया बहाई जा सकती है । सरोज झा देश के लिए आज नजीर बन चुके हैं और देश के युवाओं को अकूत अनमोल और बेशकीमती सन्देश दे रहे हैं ।सहरसा टाईम्स परिवार सरोज झा की इस कामयाबी पर उन्हें अंतरतम से बधाई देता है ।
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