अगस्त 28, 2015

पूर्व भाजपा विधायक भेजे गए जेल..........

*पूर्व भाजपा विधायक संजीव कुमार झा ने आज सहरसा न्यायालय में किया  आत्मसमर्पण.....
*वर्ष 1999 में जबरन डीएम की कुर्सी पर बैठने को लेकर एक मामला था दर्ज ..
*जमानत याचिका हुयी खारिज,भेजे गए जेल......
*राजनीतिक साजिश के हुए शिकार,खुद को बताया बेकसूर......
*कहा न्यायालय पर पूरा भरोसा,फैसले का करते हैं सम्मान ..............

सहरसा टाईम्स के लिए मुकेश सिंह की रिपोर्ट :-सहरसा के पूर्व भाजपा विधायक संजीव कुमार झा ने आज पूर्व से लंबित एक मामले में सहरसा न्यायालय में आत्मसमर्पण किया जहां उनके वकील ने माननीय न्यायालय में जमानत की अर्जी लगाई लेकिन उनकी जमानत को रद्द करते हुए उन्हें जेल भेज दिया गया.
ये हैं सहरसा के पूर्व भाजपा विधायक संजीव कुमार झा. इनके उपर सहरसा समाहरणालय में तोड़फोड़ करने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और जबरन डीएम की कुर्सी पर बैठने को लेकर एक मामला सदर थाना में वर्ष 1999 में दर्ज कराया गया था. लम्बे समय से यह मामला लंबित था जिसमें आज पूर्व विधायक ने प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी माननीय सतीश कुमार झा के न्यायालय में आत्मसमर्पण किया. पूर्व विधायक के वकील ने विधायक की जमानत के लिए अर्जी लगाई लेकिन सुनवाई के बाद इनकी जमानत को रद्द करते हुए माननीय न्यायाधीश ने उन्हें जेल भेज दिया.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ पूर्व विधायक कोर्ट के शख्त रुख और पुलिस की दबिश की वजह से आत्मसमर्पण को मजबूर हुए. इस मौके पर पूर्व विधायक ने कहा की जंगल राज के समय का यह मामला है.भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के वे जिलाध्यक्ष थे.उन्होनें डीएम कार्यालय के सामने आक्रोश प्रदर्शन किया था.लेकिन उस समय मामला तीन दिन के बाद दर्ज किया गया था.जाहिर तौर पर उस समय राजनीतिक चक्रव्यूह के तहत ही यह मामला दर्ज कराया गया था.लेकिन वे न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं.न्यायालय सभी के लिए समन है.न्यायालय के आदेश पर हमें कुछ नहीं बोलना है.वे न्यायालय पर प्रश्न नहीं खड़े करना चाहते.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।