अगस्त 10, 2013

घूसखोरी के खिलाफ भूख हड़ताल

मुकेश कुमार सिंह : बीते सात अगस्त से डी.एम,सी.डी.पी.ओ सहित सम्बद्ध विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध जनप्रतिनिधियों ने ना केवल हल्ला बोला है बल्कि उनके खिलाफ जबरदस्त मोर्चा भी खोल दिया है।सत्तर कटैया प्रखंड में नए आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण और उसमें हुए नियोजन में व्याप्त धांधली और नियोजन प्रक्रिया को रद्द करने के लिए स्थानीय वीर कुंवर सिंह चौक पर सत्तर कटैया प्रखंड प्रमुख पूनम सिंह,जिला पार्षद प्रवीण आनंद सहित चार लोग अनिश्चितकालीन सामूहिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।बताना लाजिमी है की इस आन्दोलन की शुरुआत सात अगस्त से धरने के माध्यम से ही हुआ था लेकिन जब जिला प्रशासन पर धरने का कोई असर नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का आगाज हुआ है।खास बात यह की जनप्रतिनिधि खुलकर इन अधिकारियों पर घुस लेने का गंभीर आरोप लगा रहे हैं। सैंकड़ों की तायदाद में लोग इस भूख हड़ताल के समर्थन में धरने पर बैठे हैं।खास बात यह है की इस आन्दोलन को तमाम विरोधी पार्टियों का समर्थन भी मिल रहा है।
आरोप ?
सभी का समवेत स्वर में यही कहना है की आंगनबाड़ी के केंद्र स्थापन और नियोजन प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर धन उगाही हुयी है।नीचे से लेकर ऊपर तक कमीशन का बंटवारा हुआ है।खासकर के सहरसा के वर्तमान डी.एम शशि भूषण कुमार के खिलाफ इनका आक्रोश है। आन्दोलनकारियों का कहना है की यह डी.एम शशि भूषण कुमार सहरसा को लूटने आया है।इन्हें यहाँ से अविलम्ब हटाया जाना चाहिए।आन्दोलनकारियों का साफ़ लहजे में कहना है की जिस केंद्र को जनसंख्याँ के आधार पर मिनी होना चाहिए उसे अतिरिक्त और जिसे अतिरिक्त होना चाहिए उसे मिनी केंद्र बना दिया गया है।सत्तर कटैया प्रखंड के पूर्व सी.डी.पी.ओ शिप्रा भारद्वाज पर सारे गंभीर आरोप लगाए गए हैं जिन्हें अब इस जिले से रिलीव कर दिया गया है।आप जान लें की शिप्रा भारद्वाज के स्थानान्तरण के बाद भी जिलाधिकारी ने इन्हें डेढ़ महीने से ज्यादा समय तक जिले में रोककर केद्र के सारे काम को निपटाया था।इनकी मानें तो शिप्रा भारद्वाज जिलाधिकारी का एक मोहरा भर थी,असली खिलाड़ी खुद जिलाधिकारी हैं।

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।