मार्च 27, 2012

दुकानें बन्द रख पुतले फूंके


वित्त मंत्री के द्वारा एक्साईज ड्यूटी में बढ़ोतरी की घोषणा किये जाने से बौखलाए सहरसा के स्वर्ण व्यवसायियों ने दो दिनों तक ना केवल अपनी दुकाने बन्द रखने का एलान किया बल्कि आक्रोश में पी.एम और फिनांस मिनिस्टर के पुतले भी फूंके.कोशी क्षेत्रीय स्वर्णकार वैश्य कल्याण समिति के बैनर तले आयोजित इस विरोध कार्यक्रम में जिले भर के तमाम स्वर्ण व्यवसायी अपनी--अपनी दूकान बन्द कर पहले मुख्यालाय के महावीर चौक प़र लामबंद होकर ना केवल धरना दिया बल्कि केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.फिर आक्रोशित व्यवसायी जुलूस की शक्ल में पी.एम और फिनांस मिनिस्टर के पुतले को छीछालेदार नारेबाजी के साथ पूरा बाजार घुमाते हुए शंकर चौक पहुँचे जहां पी.एम और फिनांस मिनिस्टर के पुतले फूंके गए.व्यवसायियों ने फिनांस मिनिस्टर के इस फैसले प़र कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा की यह फैसला उनके कुटीर उद्योग प़र हमला है जिससे ना केवल वे आहत होंगे बल्कि आम जनता को भी इससे परेशानी झेलनी होगी.व्यवसायियों ने यह एलान किया की अगर सरकार ने अपना फैसला वापिस नहीं लिया तो वे किसी हद तक जाकर बड़ा से बड़ा आन्दोलन करेंगे और सरकार की चूलें हिला कर रख देंगे.इस आन्दोलन में कोसी प्रमंडल के सहरसा सहित सुपौल और मधेपुरा जिले के स्वर्ण व्यवसायी भी पूरी तरह से शामिल हैं जिन्होनें अपने जिला में अपनी--अपनी दुकानें आज बन्द रखी और कल भी बन्द रखेंगे.

सरकार के इस वज्रपात से आहत स्वर्ण व्यवसायियों के गुस्से का आज महज ट्रेलर दिखा है,उनकी मानें तो आगे अभी पूरी फिल्म बांकी है जिसमें वे सरकार की चूलें हिला कर रख देंगे.ये वक्त सरकार के लिए आत्ममंथन और फैसले प़र पुनःविचार का है.देखतें हैं की आगे ऊंट आखिर किस करवट बैठता है.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।