मार्च 24, 2012

कोसी महोत्सव के जलवे

कोसी महोत्सव के दौरान भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें क्षेत्रीय कलाकार,आकाशवाणी दरभंगा के कलाकार और सुप्रसिद्ध लोक सह पार्श्व गायिका रंजना झा ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी जिसमें लोग बस झूमते--नाचते और मदहोश होते रहे. इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रंजना झा थीं जिन्होनें अपनी नायाब गायकी के फन से लोगों को विभोर करके रख दिया.यूँ तो सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज शाम पाँच बजे ही हुआ था लेकिन रंजना झा मंच प़र रात साढ़े दस बजे आयीं.उसके बाद सूरों की ऐसी महफ़िल जमी की लोग बस झूमते चले गए.कार्यक्रम करीब डेढ़ बजे रात तक चला.रंजना झा ने गजल--गीत से लेकर लोकगीत और भजन तो गाये ही कुछ फ़िल्मी गीत गाकर भी लोगों का मन मोह लिया.बताना लाजिमी है की रंजना झा कोसी इलाके की ही रहने वाली है आप भी रंजना की नायाब गायकी को सुनें.गजब की कशिश और ताजगी है रंजना की गायकी में.रंजना झा के गाये कुछ गीतों के अलावे मैंने कोसी प्रमंडल के मधेपुरा की उभरती कत्थक नृत्यांगना श्वेता के नृत्य के विजल्स पोस्ट किये है..
                                                       इस लिंक पर क्लिक करे 
                      http://www.youtube.com/watch?v=Iq-ILD3daM4&feature=youtu.be

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।