मार्च 04, 2012

कोशी अभिशाप नहीं वरदान साबित होगी

क्षेत्रीय सांसद शरद यादव
कोशी के उफान से उभरे जख्मों को भरने के लिये जदू के रास्ट्रीय अध्यक्ष व क्षेत्रीय सांसद शरद यादव ने बीते कल उस जगह अपना हेलीकाप्टर उतरवाया जंहा इससे पहले कोई भी रास्ट्रीय स्तर के नेताओं ने आम सभा या उनके दर्दों पे मरहम लगाने नहीं पहुची थी. तटबंध के अन्दर बसा अल्पसंख्यक  बहुल क्षेत्रीय मनौव्वर गांव आज भी विकास की अंधी से कोशों दूर है. और इस तरह से सांसद का अचानक से आना यंहा के लोगो को उम्मीद की नई किरण दिखने जैसी लग रही है.जाहिर तौर पर इस क्षेत्र के लोगो को अब इनसे उम्मीदे काफ़ी बढ़ गई है. जनसभा को संबोधित करने के दौरान शरद यादव ने कहा कोसी अभीशाप थी तो अब आशीर्वाद बनेगी. कोसी अब कोसनेवाली नहीं बल्कि बरदान साबित होगी. यंहा से उपजाई गई सब्जिया बाहर भेजी जाएगी. मैंने जहा भी गया हूँ कोसी जैसी हरियाली मैंने नहीं देखी.  भाषण के दौरान शरद जी ने ये भी कहा ये जगह पहले टापू था लेकिन अब चारो तरफ सड़क का जाल बिछ गया है. अगर यंहा विकास की राशि में लुट होती है तो हमें ख़बर करे. 
बिहार में हमारी सरकार सात वर्षों से चल रही है  लेकिन एक भी घोटाला नहीं हुआ. बस इतना सुनते ही लोगो ने ताली और नारे लगाने लगे. इससे कतई नाकारा नहीं जा सकता की  कोसी दियारा क्षेत्र के लिये जो भी योजनाये आती है वे उनतक नहीं पहुँच पाती है. जिसे या तो विधायक खा जाता है नहीं तो निचले स्तर का जनप्रतिनिधि. लुट ही लुट मची है अगर आप इस क्षेत्र में कभी जायेंगे तो आपको हर वो चीख़, दर्द सुनाई दिखाई देगी जिसे आप टेलीविजन या सिनेमा के बड़े पर्दों पे देखते या सुनते है. नेता जी तो लम्बी लम्बी बाते कह के चले गए लेकिन क्या इनके जख्मों को भरने के लिये यंहा के जनप्रतिनिधि आगे आयेंगे ये फिर उन्हें उनके हालात पर हिन् छोर देंगे ये तो वक़्त बतायेगा .

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*अपनी बात*

अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।