बीते गुरुवार सदर थाना क्षेत्र के गोबरगढ़ा गाँव की एक खेत में गड़े हुए बम को देखकर पूरे इलाके में सनसनी फैल गयी.अहले सुबह भैंस चराने गए लोगों ने एक लाल डब्बे को ज़मीन के भीतर गड़ा हुआ देखा तो उनके होश फाक्ते हो गए और उन्होनें इस बाबत फ़ौरन पुलिस को सूचना दी.लेकिन अपनी बिगडैल आदत से लाचार सहरसा पुलिस मौके प़र दस बजे दिन के बाद पहुंची,वह भी खाली हाथ.बड़ी मशक्कत और तमाशे के बाद बम को बांस की मदद से निकालकर पानी भरे बाल्टी में रखकर उसे नाकाम किया गया.इस घटना से आसपास के लोगों में काफी दहशत व्याप्त है.दहशत आखिर क्यों ना हो.बीते 18 जनवरी को इसी खेत में एक देशी बम फटा था जिसमें ब्रजेश यादव नाम का एक युवक बुरी तरह से जख्मी हुआ था जो इलाज के लिए अभीतक सदर अस्पताल में भर्ती है.बम मिलने को लेकर पुलिस को जहां गंभीर और चौकस होना चाहिए वहाँ वह ठिठौली करती नजर आ रही है.
इस घटना के बाबत बम मिलने वाली जगह पर पहुंचे पुलिस अधिकारी का कहना है की बम मिला है और आगे भी बम की तलाश की जायेगी.उनकी कोशिश रहेगी की छुपाकर रखे गए बम को निकालें.
बगल में परोसी देश नेपाल है जहां से माओवादियों की लगातार भारतीय क्षेत्र में प्रवेश की सूचना आती रहती है.यही नहीं आतंकियों के लिए भी यह इलाका सेफजोन बनता जा रहा है.सबसे अहम् बात यह है की यह इलाका नक्सल प्राभावित भी है और नक्सली कोसी के दियारा इलाके में शरण भी लेते हैं.ऐसे में खेत में इस तरह से बम का मिलना कहीं से भी शुभ संकेत नहीं है.यह वह घड़ी है जब पुलिस को गंभीर और बड़े कदम उठाने चाहिए लेकिन हमारे यहाँ की पुलिस को तो बड़े हादसे से पहले जागने की आदत ही नहीं है.
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