नवंबर 23, 2011

बबली जा रही अपने घर

 सामूहिक दुष्कर्म की शिकार बच्ची आज ना केवल चंगा हो चुकी है बल्कि आज वह अपने गाँव सोनवर्षा राज थाना क्षेत्र के काशनगर गाँव भी जा रही है.सहरसा के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की कमान खुद सँभालते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टास्क फ़ोर्स का गठन किया था.उसी के नतीजतन दुष्कर्म का मुख्य आरोपी साहेब पोद्दार को आज पुलिस ने दबोच लिया.अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस की सघन छापामारी जारी है.आज सुबह पुलिस अधीक्षक मोहम्मद रहमान खुद सदर अस्पताल पहुँचे जहां उन्होनें पीड़िता का हाल--चाल पूछा और पीड़िता और उसकी माँ का अलग--अलग बयान भी लिया.यहीं नहीं बल्कि बबली की देख-रेख के लिए उन्होनें 500 रूपये की आर्थिक मदद भी की.जाहिर तौर पर पुलिस अधीक्षक अब इस मामले में काफी गंभीर दिख रहे हैं.इधर बबली की सेहत अब अच्छी हो गयी है और अस्पताल से   दुष्कर्म का मुख्य आरोपी साहेब पोद्दार दबोचा जा चुका है.अन्य आरोपियों को गिरफ्त में लेने के लिए पुलिस की छापामारी जारी है.सदर अस्पताल में पीड़िता बबली का देर से ही सही मगर उपयुक्त इलाज शुरू हुआ और अब बबली पूरी तरह से ठीक है.आज सुबह बबली को देखने खुद पुलिस अधीक्षक मोहम्मद रहमान अस्पताल पहुँचे.उन्होनें पीड़िता और पीड़िता की माँ से अलग--अलग बयान लिया.बबली की देख-रेख के लिए उन्होने 500 रूपये भी दिए.पीड़िता की माँ कहती है की एस.पी साहब ने उनसे घर के सदस्य की तरह बातचीत की.अब लगता है की उनलोगों को इन्साफ मिल जाएगा.बबली भी स्वस्थ होकर काफी खुश है..
राजेश कुमार रंजन,ओपी प्रभारी,कशनगर.
इधर अस्पताल पहुँचे काशनगर ओपी के प्रभारी का कहना है की मामला बड़ा संगीन है.इसमें एक आरोपिऊ को दबोचा जा चुका है.चूँकि इस मामले की कमान खुद एस.पी साहब ने संभाल रखी है इसलिए वे एस.पी साहब के निर्देश के मुताबिक़ ही सारी कारवाई करेंगे.
आखिरकार हमारी पहल ने अपना रंग दिखाया और बबली मरने से ना केवल बच गयी बल्कि चंगी होकर अपने घर भी जा रही है.इस मामले में एक आरोपी दबोचा भी जा चुका है.हमने इस लड़ाई में थोड़ी सी जीत हासिल की है.हमें पूरी जीत तब मिलेगी जब हम दुष्कर्म के इस गंदे खेल को पूरी तरह से खत्म करने में कामयाब होंगे.लेकिन इसे भी हम जीत ही मानेंगे.

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अपनी बात---थोड़ी भावनाओं की तासीर,थोड़ी दिल की रजामंदी और थोड़ी जिस्मानी धधक वाली मुहब्बत कई शाख पर बैठती है ।लेकिन रूहानी मुहब्बत ना केवल एक जगह काबिज और कायम रहती है बल्कि ताउम्र उसी इक शख्सियत के संग कुलाचें भरती है ।