अधिकारियों को चोर दे रहे सन्देश, सही से निपटाओ काम...
क्या अब चोर निपटाएंगे विभिन्य विभागों का काम ?
क्या अब चोर निपटाएंगे विभिन्य विभागों का काम ?
विभिन्य विभागों के तकनीकी सामान है अब चोरों के निशाने पर
मुकेश कुमार सिंह की दो टूक---सहरसा--- जमाने से आभूषण,कीमती सामान और नकदी चोर की पहली पसंद रही है ।लेकिन समय के साथ लग रहा है की चोरों ने अब अपना मिजाज बदल लिया है । अब चोर कम्प्यूटर सेट, लैप टॉप, इन्वर्टर--बैटरी सहित अन्य तकनीकी सामानों को अपना निशाना बनाने लगे हैं । बीते 24 घंटे के भीतर चोरों ने सदर एसडीओ ऑफिस के बाद पथ निर्माण विभाग के ऑफिस को अपना निशाना बनाया है। सरकारी दफ्तर में लगातार चोरी की इस दूसरी घटना ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। चोर परसों रात पहले एसडीओ ऑफिस से पूरा कम्प्यूटर सेट सहित इन्वर्टर--बैटरी ले गए थे ।लेकिन एसडीओ ऑफिस में हुयी चोरी के बाद जब चोरों पर नकेल नहीं कसा गया,तो बीती रात चोरों ने इसका फिर से फायदा उठाया और पथ निर्माण विभाग से कई कम्प्यूटर सेट और इन्वर्टर--बैटरी ले उड़े।
सवाल बड़ा और लाजिमी है की क्या जिले के चोर अब हाईटेक हो गए हैं? आखिर वे क्यों चावल--दाल जेवर, कीमती सामन और नकदी के बजाय कंप्यूटर और इन्वर्टर पर हाथ साफ कर रहे हैं ? कहीं ऐसा तो नहीं की चोर सरकारी काम--काज के तरीके से नाखुश हैं और वे अधिकारियों को सुधरने की नसीहत दे रहे हैं? या फिर कहीं कम्प्यूटर का डाटा आदि को नष्ट करने की गरज से ये प्रायोजित चोरी तो नहीं ? मसला बेहद गंभीर है लेकिन इसका पटाक्षेप होना तो और बेहद मुश्किल है ।
पुलिस अधिकारी की जांच का तरीका पहले से संदेह के दायरे में रहता रहा है। ऊँची बोली लगाकर जांच की दिशा तय होती है । ऐसे में इन हाईटेक चोरों तक पहुंचना पुलिस के लिए पहाड़ खोदकर दूध निकालने के समान है । साथ ही इस चोरी के पीछे की और कोई बड़ी वजह है, इसे भी बेपर्दा करना नामुमकिन है ।लेकिन 24 घंटे के भीतर चोरी की दो घटना ने चोरों की नीयत की नयी परिभाषा गढ़ी है ।आगे देखना बेहद जरुरी है की इस मामले में कैसी तस्वीर उभर कर सामने आती है ।हमारी समझ से इस चोरी की घटना से बहुतों की बल्ले--बल्ले हुयी है ।
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